जो जितने अंश में हिन्दू हो उसका उतने अंश में स्वागत हो, समर्थन हो ।
ऋषि सुनक ने न केवल कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में राम कथा में जय सिया राम का उद्घोष किया बल्कि वैश्विक समस्याओं से निपटने के लिये हिन्दू धर्म के सहारे कार्य करते रहने का प्रण भी किया।
आज युरोप में हिन्दुओं और किताबियों के व्यवहार में अन्तर लोग समझने लगे हैं।
राम कथा के बाद कई घण्टों तक ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक जी प्रसाद का वितरण करते रहे।
वे जहां भी जाते है हमारी मूल संस्कृति अपने साथ ले जाते हैं।
सेवा परमो धर्म। सनातन धर्म ही सर्वश्रेष्ठ है।
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