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डीलिस्टिंग के लिए आज हुंकार भरेगा राजस्थान का जनजाति समाज

डीलिस्टिंग के लिए आज हुंकार भरेगा राजस्थान का जनजाति समाज

-धर्मान्तरित जनजाति व्यक्तियों का एसटी का स्टेटस हटाए जाने के लिए होगी मांग
-पांच दिशाओं से उदयपुर पहुंचेंगे जनजाति समाज के बंधु-बांधव
-पांच दिशाओं से शोभायात्राओं के रूप में पहुंचेंगे गांधी ग्राउण्ड
-गांधी ग्राउण्ड में शाम 5 बजे में होगी विशाल सभा
-शोभायात्रा व सभा में संतों का रहेगा सान्निध्य

उदयपुर, 17 जून। जनजाति सुरक्षा मंच राजस्थान के आह्वान पर उदयपुर में रविवार को हुंकार डीलिस्टिंग महारैली का आयोजन किया जाएगा। इस महारैली में जनजाति समाज एक सुर में जनजाति समाज के उन व्यक्तियों को जनजाति समाज से डीलिस्ट करने की मांग करेगा जिन्होंने अपना धर्म छोड़ अन्य धर्म अपना लिया है। संविधान के आर्टिकल 342 में संशोधन की मांग की जाएगी। जिस तरह आर्टिकल 341 में एससी के लिए यह स्पष्ट प्रावधान है कि धर्म परिवर्तन करने एससी के रूप में प्रदत्त लाभ उसे नहीं मिलेंगे, ठीक वैसा ही प्रावधान एसटी के लिए आर्टिकल 342 में जोड़ने की मांग जनजाति समाज की है। महारैली के बाद एक प्रतिनिधिमण्डल राजस्थान के जनजाति समाज की इस आवाज का ज्ञापन राज्यपाल को सौंपने जाएगा।

जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश संयोजक लालूराम कटारा ने बताया कि जो व्यक्ति अपने पूर्वजों की आस्था, संस्कृति, परम्परा, भाषा, व्यवहार छोड़कर अन्य धर्म में जा रहा है, तब उसे जनजाति के रूप में प्रदत्त अधिकार भी छोड़ना ही चाहिए क्योंकि उसे जनजाति होने का अधिकार उसके पूर्वजों और उसकी संस्कृति के आधार पर ही मिला है। इसी आधार पर संविधान में एससी के लिए आर्टिकल 341 में प्रावधान है, लेकिन यह बात एसटी के लिए आर्टिकल 342 में नहीं लिखी गई। इसका फायदा धर्मान्तरण कराने वाली ताकतें उठा रही हैं। धर्मान्तरण जनजाति समाज की संस्कृति को खत्म करने का षड़यंत्र है। धर्मान्तरण राष्ट्र के लिए भी खतरा है। धर्म बदलने वाले अपनी चतुराई से दोहरा लाभ उठा रहे हैं, जबकि मूल जनजाति समाज अपनी ही मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है।

महारैली में आएंगे पूरे राजस्थान से जनजाति बंधु
-हुंकार महारैली के संयोजक नारायण गमेती ने बताया कि इस महारैली में राजस्थान के हाड़ौती, मेवाड़, वागड़, कांठल, भोमट और मारवाड़ क्षेत्र से जनजाति समाज के लोग पारम्परिक वेशभूष एवं वाद्ययंत्रों के साथ एकत्र होंगे। महारैली में आने वाले एक लाख से अधिक जनजाति बंधु-बांधवों के भोजन की व्यवस्था उदयपुर शहर के घर-घर से की जाएगी। घर-घर से माताओं-बहनों से जनजाति बंधुओं के लिए भोजन पैकेट तैयार करने का आग्रह किया गया है। थैलियां बांटी जा चुकी हैं। रविवार दोपहर भोजन पैकेट एकत्र करने का कार्य शुरू होगा और भोजन पैकेट कार्यक्रम के उपरांत लौटते समय पंजीयन स्थलों पर दिए जाएंगे। उदयपुर शहर इस माध्यम से सामाजिक समरसता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

यह होंगे अतिथि
-जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश सह संयोजक हररतन डामोर ने बताया कि गांधी ग्राउण्ड में होने वाली विशाल सभा में मध्यप्रदेश शासन के एडिशनल सेक्रेटरी लक्ष्मण सिंह मरकाम, दमोह जिला न्यायालय के न्यायाधीश प्रकाश उइके, जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सहसंयोजक डॉ, राजकुमार हांसदा, स्वामीनारायण सम्प्रदाय के संत प्रसाद स्वामी, बेणेश्वर धाम के पीठाधीश अच्युतानंद महाराज, वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचन्द्र खराड़ी अतिथि होंगे।

शोभायात्राओं व सभा का समय
-पहली शोभायात्रा सबसिटी सेंटर से 3.30 बजे भीलू राणा पूंजा को नमन करने के साथ शुरू होगी। इसके बाद शेष चारों शोभायात्राएं शुरू होंगी। सभी शोभायात्राएं संतों के सान्निध्य में होंगी। संत श्रीफल शगुन के साथ शोभायात्रा को शुरू करेंगे। संत बग्घियों में बिराजेंगे। शोभायात्रा में जनजाति बंधु पारम्परिक वाद्यों के साथ नाचते-गाते चलेंगे। शोभायात्रा में झांकियां भी रहेंगी। करीब 5 बजे तक सभी शोभायात्राएं सभा स्थल तक पहुंच जाएंगी। इसके बाद विशाल सभा शुरू होगी।

पांच दिशाएं, पांच पंजीयन स्थल और पार्किंग व्यवस्थाएं
-बांसवाड़ा, कुशलगढ़, सलूम्बर, सागवाड़ा से आने वालों की पंजीयन व्यवस्था सवीना पेट्रोल पम्प पर रहेगी और इनके वाहनों की पार्किंग सबसिटी सेंटर एवं आसपास के 100 फीट रोड पर रहेगी।
-सिरोही, पाली, गोगुन्दा, राजसमंद व नाथद्वारा मार्ग से आने वाले बंधुओं के लिए सुखेर में पंजीयन व्यवस्था रहेगी और इनकी पार्किंग विद्या भवन स्कूल ग्राउण्ड में रहेगी।
-खेरवाड़ा व डूंगरपुर से आने वालों वाहनों की पंजीयन व्यवस्था हर्ष पैलेस होटल के समीप रहेगी तथा पार्किंग फतेह स्कूल व माली कॉलोनी रोड पर रहेगी।
-चित्तौड़-प्रतापगढ़ तथा कोटा-बारां की ओर से आने वाले वाहनों की पंजीयन व्यवस्था देबारी फ्लाईओवर के नीचे रहेगी तथा चित्तौड़-प्रतापगढ़ के वाहनों की पार्किंग विद्या निकेतन सेक्टर-4 में तथा कोटा-बारां की पार्किंग बीएन ग्राउण्ड में रहेगी।

-कोटड़ा, झाड़ोल, बाघपुरा की ओर से आने वाले वाहनों की पंजीयन व्यवस्था सीसारमा पेट्रोल पम्प के पास रहेगी तथा पार्किंग रानी रोड, राजीव गांधी पार्क तक रहेगी।

शोभायात्रा प्रारंभ स्थल तथा मार्ग
-बांसवाड़ा, कुशलगढ़, सलूम्बर, सागवाड़ा से आने वालों की शोभायात्रा सबसिटी सेंटर भीलू राणा सर्कल से शुरू होकर आवरी माता, पुलिस लाइन, उदियापोल, अमृत नमकीन, बापू बाजार, देहलीगेट, अश्विनी बाजार, हाथीपोल, चेतक, पहाड़ी बस स्टैंड गेट नंबर 2 से गांधी ग्राउण्ड पहुंचेगी।
-सिरोही, पाली, गोगुन्दा, राजसमंद व नाथद्वारा मार्ग से आने वाले बंधुओं की शोभायात्रा फील्ड क्लब से शुरू होकर सहेलियों की बाड़ी, यूआईटी पुलिया, लवकुश स्टेडियम गेट नंबर 3 से मैदान में प्रवेश करेगी।
-खेरवाड़ा व डूंगरपुर से आने वालों की शोभायात्रा निम्बार्क कॉलेज से शुरू होकर सूरजपोल, टाउन हॉल रोड, देहलीगेट, कोर्ट चौराहा, चेतक, पहाड़ी बस स्टैंड गेट नंबर 2 से गांधी ग्राउंड में प्रवेश करेगी।
-चित्तौड़-कोटा की ओर से आने वाले बंधुओं की शोभायात्रा बीएन ग्राउण्ड ग्राउण्ड से शुरू होकर कुम्हारों का भट्टा, दुर्गा नर्सरी, शास्त्री सर्कल, कोर्ट चौराहा, चेतक, पहाड़ी बस स्टैंड गेट नंबर 2 से गांधी गाउंड में प्रवेश करेगी।

-कोटड़ा, झाड़ोल, बाघपुरा की ओर से आने वाले बंधुओं की शोभायात्रा महाकाल से शुरू होकर आयुर्वेद कॉलेज, शिक्षा भवन होते हुए गुरु गोविन्द सिंह स्कूल वाले द्वार गेट नंबर 1 से गांधी ग्राउंड में प्रवेश करेगी।

भोजन पैकेट व्यवस्था

-भोजन पैकेट के लिए शहरी क्षेत्र को 73 भागों में बांटा गया है तथा समीपवर्ती 113 गांव भी भोजन पैकेट व्यवस्था में शामिल किए गए हैं। महारैली के दिन 18 जून को दोपहर से भोजन पैकेट एकत्र करने का क्रम शुरू हो जाएगा। 25-25 पैकेट का एक थैला बनेगा। इनको अलग-अलग पंजीयन स्थल पर संख्या के अनुसार दोपहर बाद 3 बजे तक पहुंचाया जाएगा। अलग-अलग पांचों दिशाओं में पंजीयन स्थल पर ही भोजन पैकेट एकत्र होंगे और कार्यक्रम के उपरांत वहीं से वितरित किए जाएंगे।

तीन मंच बनेंगे

-सभा स्थल पर तीन मंच बनाए जाएंगे। मुख्य मंच पर 20 अतिथि बिराजेंगे। एक मंच जनजाति बंधुओं द्वारा पारम्परिक प्रस्तुतियों के लिए रखा गया है। एक अन्य मंच संतों के लिए रहेगा। मैदान को बेरिकेड्स द्वारा जिलानुसार अलग-अलग 9 ब्लॉक में बांटा गया है। सभा स्थल के अंदर व गांधी ग्राउण्ड के बाहर एलईडी की भी व्यवस्था रखी गई है। सभा जनजाति सुरक्षा मंच के झण्डारोहण के साथ शुरू होगी। मंच के सामने पारम्परिक रंगोली भी बनाई जाएगी। शहर के नागरिक महानुभाव मुख्य मंच के दोनों तरफ बैठ सकेंगे। यहां 5 हजार कुर्सियां लगाई गई हैं। इसके लिए निमंत्रण पत्र बांटे गए हैं। एक निमंत्रण पत्र पर 2 व्यक्तियों का प्रवेश रहेगा। वे गेट नम्बर 1 गुरु गोविंद सिंह स्कूल तथा गेट नम्बर 3 लवकुश स्टेडियम से प्रवेश कर सकेंगे। अन्य के लिए सीढ़ियों पर बैठने की व्यवस्था की गई है।

हर शोभायात्रा के साथ एक एम्बुलेंस

-पांचों स्थानों से निकलने वाली शोभायात्राओं के साथ एक-एक एम्बुलेंस रहेगी। इसी तरह, गांधी ग्राउण्ड के प्रवेश द्वार पर भी एम्बुलेंस रहेगी।

स्वच्छता कार्यकर्ता भी रहेंगे साथ

-हर शोभायात्रा के पीछे स्वच्छता वाहन व स्वच्छता कार्यकर्ता रहेंगे जो शोभायात्रा के गुजरने के बाद स्थान व मार्ग की स्वच्छता को सुनिश्चित करेंगे। आयोजकों ने सभी को आह्वान किया है कि जैसा स्थान व मार्ग हमें स्वच्छ मिल रहा है, उसे लौटाना भी पूर्ण स्वच्छता के साथ है।

चौराहे व मार्ग पर भी सजावट

-विभिन्न संगठनों की ओर से चौराहों व शोभायात्रा मार्गाे पर भी सजावट की जाएगी। उन्होंने पारम्परिक माण्डणों, रंगोली आदि से सजाया जाएगा ताकि देखने वाले जनजाति संस्कृति से परिचित हो सकें।

जल व्यवस्था

-पंजीयन स्थल, पार्किंग, शोभायात्रा आरंभ स्थल, सभा स्थल सहित शोभायात्रा मार्गाे में पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था रखी गई है। इन सभी व्यवस्थाओं में विभिन्न सामाजिक व स्वयंसेवी संगठन सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

डीलिस्टिंग की आवश्यकता क्यों
1968 में ही चिंता शुरू कर दी थी डॉ. कार्तिक उरांव ने
-इस संबंध में सन 1968 में डॉ. कार्तिक उरांव, जनजाति नेता/पूर्व सांसद ने, इस संवैधानिक/कानूनी विसंगति को दूर करने के प्रयास किए एवं विस्तृत अध्ययन भी किया। जनजाति नेता डॉ. कार्तिक उरांव ने 1968 में किए अपने अध्ययन में पाया कि 5 प्रतिशत धर्मांतरित ईसाई, अखिल भारतीय स्तर पर कुल एसटी की लगभग 70 प्रतिशत नौकरियां, छात्रवृत्तियां एवं शासकीय अनुदान ले रहे, साथ ही प्रति व्यक्ति अनुदान आवंटन का अंतर उल्लेखनीय रूप से गैर-अनुपातिक था। इस प्रकार की मूलभूत विसंगति को दूर करने के लिए संसद की संयुक्त संसदीय समिति का गठन हुआ जिसने अनुशंसा की कि अनुच्छेद 342 से धर्मांतरित लोगों को एसटी की सूची से बाहर करने के लिए राष्ट्रपति के 1950 वाले आदेश मे संसदीय कानून द्वारा संशोधन किया जाना जरूर है। इस मसौदे पर तत्कालीन 348 सांसदगण का समर्थन भी प्राप्त हुआ था। परंतु, सन 1970 के दशक इस हेतु विचाराधीन मसौदे पर कानून बनने से पूर्व ही लोकसभा भंग हो गई।

एंथ्रोपोलोजिस्ट पद्मश्री बजाज की रिपोर्ट भी यही कहती है

-सन 2001 की जनगणना और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के सदस्य एंथ्रोपोलोजिस्ट पद्मश्री डॉ. जेके बजाज का 2009 का अध्ययन भी इस गैर-आनुपातिक और दोहरा लाभ हड़पने की समस्या की विकरालता को उजागर करते हैं कि धर्मांतरित ईसाई एवं मुसलमान अनुसूचित जनजातियों के अधिकांश सुविधाओं को हड़प रहे हैं और दोहरा लाभ ले रहे हैं। सहाय ने कहा कि गांव-गांव में धर्मान्तरण के कारण पारिवारिक समस्याएं भी आ रही हैं। कहीं-कहीं बहन भाई के बीच राखी का त्योहार खत्म हो गया है।

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