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“वह जीवन ही क्या जो देश के काम ना आए और वह धन ही क्या जो देश की रक्षार्थ काम ना आए”: निम्बाराम

“वह जीवन ही क्या जो देश के काम ना आए और वह धन ही क्या जो देश की रक्षार्थ काम ना आए”: निम्बाराम

घुमंतू समाज छात्रावास का उद्घाटन सम्पन्न

जगद्गुरु निम्बार्काचार्य श्री श्रीजी महाराज के सानिध्य में रूपसिंह घुमंतू समाज छात्रावास आरम्भ

मदनगंज-किशनगढ़। “जिस समाज ने महाराणा प्रताप के साथ देश व सनातन संस्कृति की रक्षार्थ अपने त्याग और तप से भारत के इतिहास में अपना नाम स्वर्णक्षार में अंकित किया। उस समाज के बच्चों की शिक्षा व आवास की व्यवस्था के महान कार्य को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही कर सकता है। ” यह बात गुरुवार को आयोजित घूमंतू समाज छात्रावास के उद्घाटन समारोह में जगद्गुरू निम्बार्काचार्य श्री श्रीजी महाराज ने अपने उद्बोधन में कही।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सेवा भारती किशनगढ़ के द्वारा घूमंतू समाज छात्रावास का उद्घाटन समारोह चेनपुरिया स्थित माधव विद्यापीठ में आयोजित किया गया। समारोह जगद्गुरू निम्बार्काचार्य श्री श्रीजी महाराज के सानिध्य में हुआ‌। समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम थे। जिसकी अध्यक्षता सीए व मार्बल व्यवसायी ओमप्रकाश मैनावत ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में आर के मार्बल के चेयरमैन अशोक पाटनी, घुमंतू समाज विकास न्यास के क्षेत्र प्रमुख प्रभुलाल कालबेलिया, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक मुकेश अग्रवाल, किशनगढ़ संघचालक रामावतार अग्रवाल, सेवा भारती के जिलाध्यक्ष सीताराम बंसल थे।

उद्घाटन समारोह में श्रीजी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि घूमंतू समाज ने सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए अपने जीवन को समर्पित कर देश व धर्म की रक्षा की किंतु आज इस समाज की रक्षा व पोषण की जिम्मेदारी सभ्य समाज की है। इसलिए जो काम शासन ने नहीं किया वह काम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कर रहा है इसके लिए मानवता के इतिहास में संघ का नाम अग्रणी रहेगा। श्रीजी महाराज ने इस छात्रावास में निवास करने वाले सभी विद्यार्थियों के लिए भोजन की व्यवस्था निम्बार्कापीठ की ओर से करने का प्रस्ताव देते हुए आर्थिक सहयोग की घोषणा की।
राजस्थान के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम ने अपने उद्बोधन में कहा कि घूमंतू समाज ने मुगल काल में महाराणा प्रताप के साथ देश व संस्कृति की रक्षा के लिए अपने घरों का त्याग किया और अपना सर्वस्व देशहित में न्यौछावर कर दिया। ब्रिटिशराज में इस महान समाज को आपराधिक श्रेणी में डाल दिया गया और इसे समाज की मुख्य धारा से काट दिया गया था। तथा उन्हें आबादी क्षेत्र में रहने से वंचित कर दिया जिससे आज भी घूमंतू समाज मुख्यधारा में नहीं आ सका। स्वंत्रता प्राप्ति के बाद घूमंतू समाज को मुख्य धारा से जोड़ने और इसके विकास की जिम्मेदारी शासन का कर्तव्य था। किन्तु इतने सालों बाद भी यह समाज इससे वंचित है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस कार्य को पूरा करने का संकल्प लिया और अखिल भारतीय स्तर पर घूमंतू समाज छात्रावास खोलने का आरम्भ किया। उन्होंने समाज के सभी भामाशाहों, समाजसेवी लोगों से इस छात्रावास में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि वह धन ही क्या जो देश के काम ना आ सका और वह जीवन ही क्या जो देश के काम ना आ सका। आर के मार्बल के चैयरमेन अशोक पाटनी ने छात्रावास के भवन निर्माण के लिए सहयोग देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि माधव विद्यापीठ की स्थापना के समय में श्रीजी महाराज के साथ वे भी उपस्थित थे और आज यहाँ घूमंतू समाज छात्रावास के उद्घाटन में भी उन्ही के उत्तराधिकारी श्रीजी महाराज के साथ वे उपस्थित हैं यह सौभाग्य की बात है। घूमंतू समाज विकास न्यास के क्षेत्र प्रमुख प्रभुलाल कालबेलिया ने बताया कि यह छात्रावास राजस्थान का अठारहवाँ और चित्तौड़ प्रांत का पांचवा छात्रावास है। इससे पहले उदयपुर, कोटा, भीलवाड़ा सहित अन्य स्थानों पर घूमंतू समाज छात्रावास का आरम्भ हो चुका है।

घूमंतू समाज छात्रावास किशनगढ़ का नामकरण करते हुए श्रीजी महाराज ने इस छात्रावास का नाम रूपसिंह घूमंतू समाज छात्रावास किशनगढ़ रखने की घोषणा की। मार्बल व्यवसायी ओमप्रकाश मैनावत ने भी अपने विचार व्यक्त किये। छात्रावास सचिव राजेश कलवार ने आभार व्यक्त किया तथा दीपक जौहरी ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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