शिवदेवी तोमर-3

सदियों तक चली घुसपैठी आक्रमणकारियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध की गाथा-19

16 वर्षीय युवती जिसने सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में कई अंग्रेजी सैनिकों को मार गिराया…

18 जुलाई, 1857 को अंग्रेजी फौज ने बड़ौत के निकट बड़का गाँव में शाहमल सिंह तोमर और उनके साथियों पर हमला किया। तोमर और उनके साथियों ने जमकर प्रतिरोध किया। परंतु अंग्रेजों के आधुनिक हथियारों और सैन्य शक्ति से पार पाना कठिन था।
भयानक लड़ाई में शाहमल सिंह तोमर शहीद हो गए और उनके 32 साथियों को अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया। इन सबको बड़ौत के निकट बिजरोल गाँव के बाहर एक पीपल के पेड़ से लटका कर फाँसी दे दी गई।

अंग्रेजों ने इसके बाद आसपास के सभी गाँवों में भयंकर दमन चक्र चलाया। विद्रोहियों की सहायता करने वाले लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया, उनके घर जला दिए गए और उनका माल असबाब सब लूट लिया गया। अंग्रेजों ने गाँव के गाँव खाली करा दिए।

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