आत्मनिर्भर भारत तथा हमारी अवधारणा-13

आजादी के बाद से भारत ने अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। यह हमारी क्षमता है। यद्यपि यह क्षमता पहले भी थी, पर अंग्रेजों ने भारतीय क्षमता का दमन किया।

  • सन् 1960 में भारत केवल 2 करोड़ टन दूध का उत्पादन करता था। सन् 1960 में दूध की खपत 150 मिलीलीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन थी। आज हम सन् 2020 तक 22 करोड़ टन दूध प्रतिवर्ष उत्पादन करते थे। प्रति दिन प्रति व्यक्ति दूध की खपत 450 मिली लीटर थी। वर्तमान में यह 550 मिली लीटर से अधिक है।
  • सन् 1960 में अमेरिका भी 5 से 5.5 करोड़ टन दूध का उत्पादन करता था। दूध में उसकी उत्पादन क्षमता अब तक 10 करोड़ टन हुई, अर्थात दोगुनी। भारत की जैसी परिस्थिति में यह उत्पादन वृद्धि कोई कम बात नहीं है।
  • भारत में चीनी का उत्पादन भी बहुत कम था। सन् 1960 में भारत में चीनी का उत्पादन केवल 30 लाख टन होता था। चीनी पर राशन व्यवस्था थी। प्रति व्यक्ति एक किलो के हिसाब से राशन की दुकान पर चीनी मिलती थी। वह भी लंबी कतार में लगकर उपलब्ध होती थी।
  • सन् 1960 की 30 लाख टन उत्पादन की तुलना में भारत आज 330 लाख टन से अधिक चीनी का उत्पादन करता है। घरेलू उपभोग के बाद भारत के पास लगभग 150 लाख टन चीनी शेष रह जाती है।

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