विकसित भारत 2047 की संकल्पना-3

यद्यपि सरकार में इन विषयों पर 4-5 वर्ष पूर्व ही चर्चा प्रारंभ हो चुकी है। सरकार ने कुछ प्रमाण पत्र (डॉक्यूमेंट) इनके ऊपर बनाएं हैं, विशेषकर आर्थिक विषयों को लेकर। यह स्वाभाविक है कि सरकारों का चिंतन प्रमुख रूप से आर्थिक दिशा में रहता है; किंतु समग्र चिंतन तो समाज को ही करना चाहिए।

अपने यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दो वर्ष पूर्व लाल किले से अपने संबोधन में कहा था कि अपना भारत आगामी 25-30 वर्षों में कैसा हो? इसके लिए सारे देश को आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि यह अमृतकाल है, हम सब लोगों को अपने देश को एक विकसित देश के रूप में उभारने के लिए जो भी व्यापक प्रयत्न हों, वह करने चाहिए।

उसके बाद से नीति आयोग ने भी इसके ऊपर एक बड़ा डॉक्यूमेंट बनाया है। सरकारों को नियमित ऐसी प्रक्रियाएं करनी ही होती हैं और करनी भी चाहिए। यहां यह भी ध्यान रखने की बात है कि आर्थिक नीतियां बनाते हुए भी भारतीय चिंतन, परंपरा व परिस्थितियों के अनुरूप भारत के ही अर्थविदों (अर्थशास्त्रीयों) द्वारा यह होना चाहिए।

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