श्रुतम्

विकसित भारत 2047 की संकल्पना-16

विकसित भारत 2047 की संकल्पना-16

हमारे जीवन मूल्य-1

केवल आर्थिक रूप से समृद्ध समाज यह विकसित समाज नहीं कहा जा सकता। उसके उच्च जीवन मूल्य भी होने चाहिए और विश्व को हम क्या दे सकते हैं, इस भूमिका में भी आना होगा। हमारी उच्च जीवनशैली संयुक्त-समृद्ध परिवार व उच्च पर्यावरण के इर्द-गिर्द विकसित हुई है, और हमारा वैश्विक दृष्टिकोण ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का है; जो संपूर्ण विश्व को ही एक परिवार मानता है।

वर्ष 2023 में दिल्ली में हुई जी-20 की शिखर बैठक में भी भारत का ध्येय वाक्य था- “वसुधैव कुटुंबकम”। एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य। ऐसे अत्यंत उच्च जीवन मूल्यों को विश्व को देने की हमारी पुरानी परंपरा भी रही है।

जब बौद्ध काल से लेकर वर्तमान के कृष्ण भक्ति और योग शक्ति तक को हमने विश्व को दिया है। इस प्रक्रिया में हमें पुनः अधिक गति के साथ दृढ़ इच्छाशक्ति और पुरुषार्थ के साथ आगे आना होगा। यह आवश्यक होते हुए अपरिहार्य भी है।

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