विकसित भारत 2047 की संकल्पना-19
जनसंख्या लाभांशः अब भारत का समय है-2
यहां यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि जनसंख्या को लेकर अभी तक का विमर्श (Narrative) दूसरी दिशा का रहा है। सामान्यतः अब तक नेताओं ने व कुछ समाज अग्रणी लोगों ने भी सम्पूर्ण देश में एक विमर्श खड़ा किया है कि हमारी आबादी हमारे विकास में बड़ी बाधक है। बड़ी जनसंख्या को कैसे संभाला जा सकता है? कैसे हम इतने लोगों को खाने-पीने, आवास, स्वास्थ्य और शिक्षा के अवसर दे सकते हैं?
किंतु यह सब कुछ दृष्टिकोण का मामला है।
यदि आप इस आबादी को अपने अवसर opportunity के नाते से मानें तो वह संपूर्ण विश्व से धन अर्जित करके भारत का सामर्थ्य खड़ा करने का सबसे बड़ा कारण भी हो सकता है।
विश्व भर में इस समय जनसंख्या की कमी के कारण से विकास में परेशानी अनुभव की जा रही है। विश्व के प्रमुख देश अमेरिका, जापान, चीन और यूरोप, सभी अपनी घटती आबादी से न केवल चिंतित हैं, बल्कि इसके परिणामस्वरूप उनकी विकास प्रक्रिया भी बहुत धीमी पड़ गई है। कानूनन अधिक सन्तान पैदा करने तक की नौबत आ गई है।
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