श्रुतम्

विकसित भारत 2047 की संकल्पना-27

विकसित भारत 2047 की संकल्पना-27

समृद्ध, सशक्त एवं खुशहाल भारत-1

भौतिक विश्व में कोई भी देश बिना आर्थिक प्रगति किए महान नहीं बन सकता। अपने नागरिकों के सुखद जीवनयापन के लिए ही नहीं, अपितु संपूर्ण विश्व में संदेश भी वही देश दे सकता है जिसकी स्वयं की आर्थिक स्थिति पर्याप्त सशक्त हो।

इस दृष्टि से जब विचार करते हैं तो पहले अपनी विगत की स्थिति का सिंहावलोकन कर देखना होता है कि पिछले हज़ार- दो हज़ार वर्षों में भारत आर्थिक और उत्पादन के क्षेत्र में कैसा रहा है। अनेक प्रकार के शोध पिछले दिनों में समस्त भारत में ही नहीं, अपितु विश्व भर में चर्चा के विषय बने हैं…।

उदाहरण के तौर पर उत्सा पटनायक, जो प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं जो आजकल अमेरिका में ही रहती हैं, ने लंबे अध्ययन के पश्चात अपनी एक रिपोर्ट प्रकाशित की। जिसमें यह पाया कि सन् 1751 से लेकर सन् 1935 तक के लगभग पौने दौ सौ वर्षों के कालखंड में ही अंग्रेज विभिन्न प्रकार के कर अथवा अन्य तरीकों से ‘लगभग 45 ट्रिलियन डॉलर भारत से लूट कर ले गए।’ यह रिपोर्ट संपूर्ण भारत में ही नहीं, अपितु विश्व भर में मान्य हुई है।

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