भारत को रक्तरंजित करने का षड्यंत्र-14

दलित-मुस्लिम गठबंधन के पैरोकार और अम्बेडकर-2

“जब विभाजन हुआ, मुझे लगा कि भगवान हमें श्रापमुक्त करना चाहते हैं, और भारत को एक बार फिर एकजुट, महान और समृद्ध बनाना चाहते हैं..।”

“मैं खुश था, कि भारत पाकिस्तान से अलग हो गया। मैंने पाकिस्तान की वकालत की, क्योंकि मैंने अनुभव किया, कि विभाजन ही एकमात्र रास्ता है; जिससे हिंदू मात्र स्वतंत्र ही नहीं; बल्कि मुक्त भी हो पाएँगे।”
(Speech at All-India Buddhist summit Delhi, 23 June, 1956)

“यह सच है, कि जब ह्वेन सांग भारत आया था; तब मात्र पंजाब ही नहीं; बल्कि, आज का अफगानिस्तान भी भारत का भाग था। पंजाब हो या अफगानिस्तान, वहाँ के लोग धार्मिक रूप से या तो वैदिक थे या बौद्ध थे। परन्तु, ह्वेन सांग के जाने के बाद से क्या-क्या हुआ।”
(Dr. Babasaheb Ambedkar; What was the Object Behind Islamic Invasions in India?)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *