Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog श्रुतम् सबके राम-22 रामतत्त्व के शक्ति पुंज
श्रुतम्

सबके राम-22 रामतत्त्व के शक्ति पुंज

सबके राम-22 -रामतत्त्व के शक्ति पुंज

माता कौशल्या, सुमित्रा का एक अंदाज है। राम और लक्ष्मण की अपेक्षा सीता और उर्मिला का त्याग, कष्ट, सहिष्णुता और औदार्य महान् है। अन्याय और अत्याचार मिटाने के लिए ये स्त्रियाँ अपार कष्ट को चुनती हैं। यद्यपि कष्ट इनके व्यक्तिगत हिस्से का नहीं है,अपितु परिवार का समाज का है।

राम ने स्त्री मर्यादा का हर कहीं ध्यान रखा है। कहीं भी राम किसी स्त्री का अपमान नहीं करते। ताड़का वध स्त्री वध न होकर घोर पतिता, अत्याचारी का वध है। राम किसी नारी चरित्र को अभिशप्त नहीं छोड़ते। उसे दोषमुक्त करते हैं।

सीता कई अवसरों पर आदर्श पत्नी के साथ-साथ राम की ‘सचिव सलाहकार’ भी हैं। वह बराबरी के साथ अपना पक्ष राम के सामने रखती हैं। वाल्मीकि रामायण में एक प्रसंग है कि राम दंडकारण्य में प्रवेश करने से पहले ऋषि सुतीक्ष्ण के आश्रम में जाते हैं। ऋषि सुतीक्ष्ण उन्हें राक्षसों द्वारा ऋषियों की हत्या करने की बात बताते हैं। तब राम राक्षसों के संहार की प्रतिज्ञा करते हैं और सीताजी इस पर एक मंत्री की तरह हस्तक्षेप करती हैं।

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