आत्मनिर्भर भारत तथा हमारी अवधारणा-2

जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो स्वाभाविक रूप से हमारे मन में अनेक प्रकार के प्रश्न खड़े हो जाते हैं। आत्मनिर्भर भारत कहते हुए कई बार मन में भ्रम हो जाता है कि हम अपनी आर्थिक व्यवस्थाओं में आत्मनिर्भर हो जाएँ।

भारत क्या है? भारत आत्मनिर्भर हो, उसके आयाम क्या हैं? कौन-कौन से महत्त्वपूर्ण मुद्दे हैं? तथा जिन मुद्दों पर लगता है, विचार करना आवश्यक है?

भारत की आत्मनिर्भरता की बात करने से पूर्व यह भली-भांति समझना होगा कि-
भारत क्या है ?
भारत का जन्म कब हुआ ?
इसका जो निर्माण है, वह दुनिया के अन्य देशों की तरह है क्या ?

भारत का वृहद् भूगोल, भारत का गौरवशाली इतिहास, भारत की चिरपुरातन संस्कृति, भारत की श्रेष्ठ परंपराएँ, भारत की अतुलनीय विशेषताएँ आदि को ध्यान में रखकर ही भारत की आत्मनिर्भरता पर विचार किया जा सकता है..।

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