आत्मनिर्भर भारत तथा हमारी अवधारणा- 4

भारत क्या है ? हमारे पूर्वजों का संघर्षपूर्ण इतिहास, हमारे पूर्वजों का गौरव, हमारे पूर्वजों की अप्रतिम अर्थव्यवस्था, हमारे पूर्वजों का श्रेष्ठ चिंतन, हमारे पूर्वजों का उत्कृष्ट साहित्य; इन सबको देखे बिना हम अपने देश की आत्मनिर्भरता की बात कैसे कर सकते हैं!

हमारी आँखों के सामने अक्सर भारतवर्ष की जो छवि रहती है या जो हमारे सामने प्रस्तुत किया जाता है, वह डेढ़ सौ-दो सौ वर्षों का भारत है। यह ठीक है कि हमारी स्वतंत्रता 77 वर्ष पुरानी है, पर स्वतंत्रता से डेढ़ सौ वर्ष पूर्व के भारत का वर्णन हमारे इतिहासकारों, साहित्यकारों, आर्थिक जगत् के लोगों ने किया है। वह डेढ़ सौ-दो सौ वर्षों का भारत जब हम देखते हैं, तो मन में पीड़ा होती है।

अंग्रेजों के जाने से पूर्व का जो भारत था, वह एक गरीब भारत था, एक निरक्षर भारत था, भुखमरी, अकालों से जूझता भारत था, उद्योगों से दूर, शिक्षा के बड़े संस्थानों से दूर के भारत का चित्र हमारे सामने था। यह चित्र अंग्रेजों ने भी प्रस्तुत किया। उसमें सच्चाई भी थी। उसे नकारा नहीं जा सकता।

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