ताराबाई भोंसले-7

सदियों तक चली घुसपैठी आक्रमणकारियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध की गाथा:- 12

ताराबाई भोंसले-7

मराठा रानी जिन्होंने औरंगजेब की मुगल सेनाओं के विरुद्ध सफलतापूर्वक अपने राज्य की रक्षा की…

मुगल दरबार के इतिहासकार खफी ख़ान ने ताराबाई द्वारा निर्देशित इन आक्रमणों का वर्णन करते हुए लिखा है:–

“मराठे शाही तख्त के पुराने इलाकों तक घुस आए और इन इलाकों को तहस-नहस कर दिया। वे जहाँ कहीं भी जाते थे, वहीं मुगल तख्त की धज्जियाँ उड़ाते थे।”
“ताराबाई के मराठा सरदार जहाँ कहीं घुसे, लंगर डालकर बैठ गए और इन स्थानों पर उन्होंने कमाईशदारों (कर संग्रहण अधिकारी) की तैनाती कर दी। मराठे अपनी इच्छा से और अपनी सुविधानुसार महीनों और सालों तक अपने पूरे लाव-लश्कर और परिवार के साथ वहीं रुकते थे।”
“उनका दुस्साहस सीमा से अधिक था। यहाँ तक कि इन लोगों ने मुगलों से जीते हुए परगनों को आपस में बाँट लिया और शाही फरमान के विपरीत अपने हिसाब से अपने सूबेदार, कमाईशदार (कर संग्रहण अधिकारी) एवं राहदारों की तैनाती कर दी।”

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